नई दिल्ली: कोरोना का नया वैरिएंट सामने आया है। इसका पहला मामला केरल में मिला है। इसने टेंशन बढ़ा दी है। सरकार भी ऐक्शन में आ गई है। एक्सपर्ट्स ने इसे तेजी से फैलने वाला वैरिएंट बताया है। यह उन्हें भी संक्रमित कर सकता है जिन्हें पहले कोरोना इंफेक्शन हो चुका है। इसी को देखते हुए तैयारी का आकलन किया जाने लगा है। राज्यों के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में मॉक ड्रिल का आयोजन किया जा रहा है। इस मामले में केंद्र सरकार कोई चांस नहीं लेना चाहती है।
केरल में आठ दिसंबर को कोविड-19 के सब-वैरिएंट जेएन.1 का एक मामला दर्ज हुआ है। 79 साल की महिला के नमूना का 18 नवंबर को आरटी-पीसीआर परीक्षण में पॉजिटिव रिजल्ट आया था। महिला में जुकाम जैसी बीमारियों (आईएलआई) के हल्के लक्षण थे। वह कोविड-19 से उबर चुकी थीं। जेएन.1 की पहचान पहली बार लक्जमबर्ग में की गई थी। कई देशों फैला यह संक्रमण पिरोलो स्वरूप (बीए.2.86) से जुड़ा है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बीए.2.86 और इसके सब-वैरिएंट के 3,608 मामले सामने आए हैं। इनमें से ज्यादातर यूरोप और उत्तरी अमेरिका से हैं।
हालांकि, यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) ने कहा कि शुरुआती आंकड़ों से पता चलता है कि अपडेट कोविड-19 टीके जेएन.1 सब-वैरिएंट से सुरक्षा प्रदान करने में कारगर हैं।
उठाए जाने लगे हैं एहतियाती कदम
केरल में कोविड-19 संक्रमण के बढ़ते मामलों के मद्देनजर तमिलनाडु में बचाव के सभी एहतियाती कदम उठाए गए हैं। तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री मा सुब्रमण्यम ने शनिवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को वायरस को फैलने से रोकने के लिए जरूरी कदम उठाने को कहा गया है। अगर किसी विशिष्ट इलाके में मामलों में बढ़ोतरी दिखाई देती है तो आरटीपीसीआर जांच कराने के लिए कहा गया है। तमिलनाडु में 15 दिसंबर तक संक्रमण के 36 मामले सामने आए थे। केंद्र सरकार की वेबसाइट पर उपलब्ध कोविड के आंकड़ों के अनुसार, भारतीय राज्यों में केरल में संक्रमण के सबसे अधिक 1,144 मामले सामने आए हैं।
नए वैरिएंट के बारे में भारतीय SARS-CoV-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) के चीफ डॉक्टर एनके अरोड़ा ने कहा है कि जेएन.1 के कुछ ही मामले हैं। यह बीए.2.86 का सब-वैरिएंट है। इस पर भारत सरकार की नजर है। किसी भी अस्पताल में भर्ती होने या गंभीर बीमारी की सूचना नहीं मिली है। वहीं, कुछ अन्य एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह काफी तेजी से फैलने वाला वैरिएंट है। यह पहले के किस्मों से अलग है। यह उन्हें भी संक्रमित कर सकता है जिन्हें कोरोना वैक्सीन लग चुकी है।